राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दो नगरों ( श्रद्धानंद नगर एवं गोविंद नगर) द्धारा शस्त्र पूजन और पथ संचलन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ
संजय कालिया जालंधर
(पंजाब)
*स्वंयसेवक समाज परिवर्तन में लगें-- रामगोपाल*
विजय दशमी के उपलक्ष्य में स्वयंसेवकों द्धारा एस• डी पब्लिक स्कूल मांई हीरा गेट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दो नगरों ( श्रद्धानंद नगर एवं गोविंद नगर) द्धारा शस्त्र पूजन और पथ संचलन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर बोलते हुए धर्म जागरण पँजाब के प्रमुख रामगोपाल ने कहा कि आज संघ अपने सौवे में प्रवेश कर रहा है ऐसे समय में समाज की *स्वयंसेवकों* के प्रति अपेक्षा बढ़ रही है इसलिए अब हमें समाज केंद्रित कार्यक्रमों की योजना बनानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज समाज में परिवार को संस्कारित करने के लिए घर में रामचरित मानस व श्री मद्भगवत गीता का अध्ययन नियमित करना चाहिए। अपने परिवार को सप्ताह में एक दिन मुहल्ले के मंदिर में लेकर जाना चाहिए ताकि हमारा परिवार मुहल्ले से जुड़ सके। मुहल्ले में होने वाली गतिविधियों में जब हमारा परिवार भाग लेगा तो उसके मन से अमीरी गरीबी, जाति पात का अहंकार समाप्त होकर सबके प्रति आत्मीयता का भाव पैदा होगा जिससे उसका मुहल्ले के लोंगो से अपनापन का भाव पैदा होगा और वह उनकी सेवा के लिए तत्पर रहेगा। t
गली मुहल्ले के बड़े बुजुर्ग उसे समाज के नियमों के पालन के लिए भी तैयार करेंगे जब वह समाज व देश के नियमो का पालन करेगा तो वह भृष्टाचार तथा कानून तोड़ने से बच जाएगा। इस प्रकार वह एक सभ्य नागरिक के नाते समाज में अपनी भूमिका निभा सकेगा। समाज मे पर्यावरण की समस्या के समाधान के लिए वह अपने मुहल्ले में जल संरक्षण, पौधरोपण, उर्जा संरक्षण, कचरा प्रबंधन के लिए लोगो को जागरूक कर अपने मुहल्ले के लोगो का जीवन स्तर शुद्ध करेगा।
उन्होंने कहा कि हर स्वयंसेवक अपने मुहल्ले को संस्कारित करने के लिए समाज की सज्जन शक्ति का सहयोग लेकर यह सारे कार्य शुरू करें । इसी कार्य के लिए ही संघ का निर्माण हुआ है। अपने -2 घर मुहल्ले को अच्छा बनाते -2 सारा देश ही अच्छा बन जायेगा। और भारत माता की जय का उदघोष साकार हो सकेगा। शस्त्र पूजन और बौद्धिक के बाद स्वयंसेवकों ने नगर में पंक्ति बद्ध होकर माईं मीरां गेट, विक्रम पुरा, फतेहपुर, पुरानी कचहरी, श्रद्धानंद मुहल्ला, अड्डा होशियारपुर चौंक, खिंगरागेट,से
पथ संचलन किया गया रास्ते में स्थान -2 पर
स्वयंसेवकों पर माताओं बहनों ने पुष्प वर्षा की।